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In reply to 'एकलव्य'
5 Nov 2018 05:45 PM

एकलव्य जी ,हार्दिक धन्यवाद आपका ,गलतियों से काव्य का सौन्दर्य बिगड़ जाता है।आपने गहराई से पढ़ा और सुधारने का सुझाव भी दिया।हार्दिक आभार।प्रणाम,सदा सुखी रहें।

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