Abhilasha Chauhan
Author
9 Nov 2018 12:39 PM
सादर आभार आपका ?
मांँ, तेरी ममता को मांँ बनके समझ पाई हूँ,
मांँ बनकर भी मैं बड़ी नहीं हो पाई हूँ।
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माँ को अभिनंदित करती बहुत अच्छी रचना… शुभकामनाएँ आदरणीया