Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2019 01:02 PM

देवी जी सर्वप्रथम आपको मेरा नमन! मैं आज शब्दविहीन क्या कहूँ ? मानो हृदय का स्पन्दन रुक गया हैं एवं आत्मा स्थिर हो गयी हैं! बस आज इतना ही कहूँगा माँ शब्द मे तो पूरा ब्रहमाण्ड समाहित हैं!
मैं तो पत्थर हूँ , मेरे माता-पिता शिल्पकार हैं !!

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...