‘मगर यह पल शायद ना था मेरी झोली में, बीत गए यूँ ही कई बरस तुम्हारे बिन दिवाली होली में।’
अद्वितीय
You must be logged in to post comments.
‘मगर यह पल शायद ना था मेरी झोली में,
बीत गए यूँ ही कई बरस तुम्हारे बिन दिवाली होली में।’
अद्वितीय