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आदरणीया मैं आपका साभार अभिवादन करता हूँ और स्वयं के लिए गर्व का आभास भी हो रहा है। सोच तो चरित्र और और प्रकृति पर भी निर्भर करती है किंतु मैं मात्र उसी शीर्षक पर सोचता हूँ जो वास्तविक समयान्तर्गत (within the ambit of real time) में सूझते हैं और मेरे लेखन का आधार भी यह ही है और मेरी प्रेरणा का स्रोत भी। कुछ लोकोक्तियों के सारांश स्वरूप मेरे मस्तिष्क में एक बात आई (अंग्रेज़ी भाषा का हिंदी रूपांतरण) This is the cup of tea of mine, which I actually enjoy it. I really appreciate your capability as a significant part of audience, inclined towards me. Forwarding my heartiest graritude to you- Adv S. Mishra

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