पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Author
30 Nov 2018 11:36 PM
आपका ये आशीर्वाद शिरोधार्य आदरणीय?
ईश्वर की अनुपम सौगात है माँ,
सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है माँ |
चाहो तो दिल चीर कर दिखा दूँ,
हर स्पंदन में संव्याप्त है माँ |
हृदय का हर स्पंदन जिसका ऋणी हो उस माँ पर कुछ लिखना, उसके असीम व्यक्तित्व को शब्दों में सीमाबद्ध करना बिलकुल असंभव है | आपके प्रयास को मैं नमन करता हूँ | मेरा भोट स्वीकार करें |