आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने अतः आपको अपना वोट देता हूँ। परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो उचित होगा। जैसे लिखू को लिखूँ करें ,अजर-अमर ऐसे लिखें,भुका को भूखा करें,ग्रस्त को गृहस्त करें ,ऊंचा को ऊँचा करें ,नुक्ता सम्बन्धी और भी कई मात्रा की त्रुटियाँ हैं जिसे आप स्वयं मंथन करें ,इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’
आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने अतः आपको अपना वोट देता हूँ। परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो उचित होगा। जैसे लिखू को लिखूँ करें ,अजर-अमर ऐसे लिखें,भुका को भूखा करें,ग्रस्त को गृहस्त करें ,ऊंचा को ऊँचा करें ,नुक्ता सम्बन्धी और भी कई मात्रा की त्रुटियाँ हैं जिसे आप स्वयं मंथन करें ,इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’