शक्ति राव मणि
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4 Nov 2018 07:02 AM
धन्यवाद आदरणीय त्रुटि सुधार ली गयी है
शक्ति राव मणि
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4 Nov 2018 05:26 PM
धन्यवाद आदरणीय
आदरणीय आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने परन्तु क्षमा करें एवं कुछ त्रुटि सुधार करें ! जैसे सपना-सा लगता हैं में हैं को है लिखें ,तू को कई स्थान पर आपने तु लिखा है उसे तू करें ,मेने को मैंने करें , (प्यारा-सा लगता हैं) इसमें हैं को है लिखें, मखममली को मखमली करें ,हुँ को हूँ लिखें ,लों को लौ लिखें इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं ,सादर ‘एकलव्य’