'एकलव्य'
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3 Nov 2018 03:09 PM
आदरणीया शुभा जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया। आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी रचनाकार को ध्यान से अवश्य पढ़े और उनकी रचना की त्रुटियों को बताएं भी और आवश्यक सुधार हेतु उनका मार्गदर्शन करें ! यह हम सभी रचनाकारों की नैतिक ज़िम्मेदारी है। सादर ‘एकलव्य’
3 Nov 2018 03:21 PM
जी ,जरूर ,ध्रुव जी ।
वाह!!ध्रुव जी ,लाजवाब रचना ।