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29 Nov 2018 04:54 PM

कल्पना जी ,मुझे ऐसा आभाष हो रहा है कि आपको कवियों और वोटरों के कमेंट्स पढने के लिये और उनका उत्तेर देने के लिये समय नहीं है | आप वोट लेकर चुचाप हो जाती है और उनको वोट देना भी उचित नहीं समझती ये मेरा सुबह से मेरा पांचवा कमेंट्स है पर उनमे से किसी का भी उत्तर नहीं मिला है |

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29 Nov 2018 08:44 PM

सर कल्पना जी कल्पना में लीन हैं।
मेरी कविता का विषय मुझे मिल गया है ।

29 Nov 2018 10:33 PM

Dukhi na ho ji

29 Nov 2018 11:37 PM

नहीं जी ।
जीवन पुस्तक पर कड़वे अनुभव युक्त एक और पृष्ठ।
???

सर जी 391 वोट मेरा है आपको,,, माफी देरी के लिए

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