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18 Jul 2016 02:14 AM

लगें एक मेहमान से घर में अपने
अलग ज़िन्दगी का यहाँ पर सफर है
बड़ी है इमारत बड़ा ये नगर ……. आज की ज़िन्दगी का बड़ा ही सटीक एवम्‌ सार्थक चित्रण .

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18 Jul 2016 07:45 AM

हार्दिक आभार आद सतीश जी

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