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Comments on लिपटकर हम न साहिल से कभी रोये यहाँ यारो जिये तूफ़ान की जद में हमें आंधी ने पाला है
Dr Archana Gupta
16 Jul 2016 07:25 AM
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हमेशा की ही तरह बहुत ही उम्दा ग़ज़ल ।
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हमेशा की ही तरह बहुत ही उम्दा ग़ज़ल ।