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आदरणीय लक्ष्मण दावानी जी, बेहतरीन ग़ज़ल! अतुलनीय लयबद्धता एवं अद्भुत शब्दावली। कृपया मेरी रचना “माँ का आँचल” जो कि प्रतियोगिता मेँ भाग ले रही है, का भी अवलोकन करें और यदि सही लगे तो कृपया वोट कर कृतार्थ करें। सधन्यवाद!

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27 Nov 2018 07:25 AM

शुक्रिया आदरणीय ,, बहुत सुंदर रचना पढ़ी हमने लाजवाब

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