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In reply to Ashish Shrivastava
26 Nov 2018 05:28 PM

यह कैसी प्रतियोगिता,
जिसने श्रेष्ठता की परिभाषा ही बदल दी |
साहित्य की दिशा बदल दी |
यहाँ ज्यादा वोट लेकर कोई भी अपनी श्रेष्ठता स्थापित कर सकता है | इस प्रतियोगिता में पंत, प्रसाद, निराला आदि कवियों की कालजयी रचनाएँ भी पिछड़ जाए, इसमें कोई संदेह नहीं | उनको भी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए वोट
मांगना पड़े | श्रेष्ठता के नए मानदंड स्थापित करने के लिए साहित्य पीडिया को सलाम |

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