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25 Nov 2018 01:26 PM

भोटो वोटो है ना श्री मान जी
बहुत अच्छा संदेश

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26 Nov 2018 05:40 PM

यह कैसी प्रतियोगिता महाशया ,
हम भोट वोट के चक्कर में पड़े हैं और उधर श्रेष्ठता की परिभाषा ही बदल रही है |साहित्य की दिशा बदल रही है | यहाँ ज्यादा वोट लेकर कोई भी अपनी श्रेष्ठता स्थापित कर सकता है | इस प्रतियोगिता में पंत, प्रसाद, निराला आदि कवियों की कालजयी रचनाएँ भी पिछड़ जाए, इसमें कोई संदेह नहीं | उनको भी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए वोट मांगना पड़े | श्रेष्ठता के नए मानदंड स्थापित करने के लिए साहित्य पीडिया को सलाम |

26 Nov 2018 07:13 PM

Sir slam to ap ko h jo shi or galat ko samne rkha. Dunia ka koi institution esa vote system nhi use krta. Vote ka motive hi best select krna hota h. second vote second Choice ke rup me di jati h but Yha to vote ka koi matlab hi nhi h.

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