2सरे वोट की हार्दिक बधाई आदरणीय…आपको दूसरा वोट किया है सुंदर कविता के लिये बधाई… आपकी छंद मुक्त कविता को पढकर दिनकर जी याद हो आये… क्योंकि वाक्यं रसात्मकं काव्य के विन्यास पूर्णत: खरी उतरती है यह रचना छंद के बंधनों से मुक्त होकर अविरल निरंतरता बनाये प्रवाहित होती जा रही है… बधाई आपको… मेरी रचना पर भी दृष्टिपात कर स्नेह स्वरूप अपना वोट जरूर दें सादर धन्यवाद
2सरे वोट की हार्दिक बधाई आदरणीय…आपको दूसरा वोट किया है सुंदर कविता के लिये बधाई… आपकी छंद मुक्त कविता को पढकर दिनकर जी याद हो आये… क्योंकि वाक्यं रसात्मकं काव्य के विन्यास पूर्णत: खरी उतरती है यह रचना छंद के बंधनों से मुक्त होकर अविरल निरंतरता बनाये प्रवाहित होती जा रही है… बधाई आपको… मेरी रचना पर भी दृष्टिपात कर स्नेह स्वरूप अपना वोट जरूर दें सादर धन्यवाद