20वा मत/वोट स्वीकार करें सादर… सुंदर भावनाओं का झर झर बहता उत्स है आपकी यह छंद मुक्त कविता कमनीय… निराला जी याद हो आये…. नमन आपको… वाक्यं रसात्मकं काव्यं के विन्यास पर शत प्रतिशत खरी उतरती निम्नगा है यह कविता कमनीय.. जो बहती चली गई और छंद के बंधन से मुक्त गई….. .. … .. सुंदरतम्… दिव्यातिदिव्यम्… … … महोदया.. मैनें भी एक अकिंञ्चन प्रयास भर किया है माँ पर कविता लिखने का… आप विचक्षण दृष्टिपात कर अपना आशीष प्रदान करें सादर और स्नेहाशीष रूपी मत प्रदान कर मेरा मनोबल बढाइएगा..सादर.. नमन
20वा मत/वोट स्वीकार करें सादर… सुंदर भावनाओं का झर झर बहता उत्स है आपकी यह छंद मुक्त कविता कमनीय… निराला जी याद हो आये…. नमन आपको… वाक्यं रसात्मकं काव्यं के विन्यास पर शत प्रतिशत खरी उतरती निम्नगा है यह कविता कमनीय.. जो बहती चली गई और छंद के बंधन से मुक्त गई….. .. … .. सुंदरतम्… दिव्यातिदिव्यम्… … … महोदया.. मैनें भी एक अकिंञ्चन प्रयास भर किया है माँ पर कविता लिखने का… आप विचक्षण दृष्टिपात कर अपना आशीष प्रदान करें सादर और स्नेहाशीष रूपी मत प्रदान कर मेरा मनोबल बढाइएगा..सादर.. नमन