jyotima shukla
Author
30 Jul 2016 02:59 PM
Thanks
Thanks
आँसुओं //की //बाढ़ में खुशियाँ फ़ना हुयी हैं!
जब-जब हँसी हूँ मैं खुद की नज़र लगी है!
जाना कभी नही ये किस ओर ज़िन्दगी है!
हम साथ चल दिये बस जिस ओर ले चली है!…….वाह ! बहुत सुंदर.