यहां कवि ने अपने भीतर छुपे दार्शनिक का परिचय दिया है और मां बाप के प्रति सम्मान व्यक्त किया है और उनके योगदान को याद कराया है।
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यहां कवि ने अपने भीतर छुपे दार्शनिक का परिचय दिया है और मां बाप के प्रति सम्मान व्यक्त किया है और उनके योगदान को याद कराया है।