धन्यवाद , यदि प्रेम में कच्चा पन हो तो उसमें नैसर्गिकता अपनी संपूर्णता को प्राप्त करती है । अधपकी टिप्पणियों पर ड्रेसिंग यदि सजावटी शब्दों से हो तो उसमें सोंधापन आ ही जाता है । एक अबोध बालक से लेखक को सम्बोधन शायद इसी क्रम की संज्ञा है । आभार ।
धन्यवाद , यदि प्रेम में कच्चा पन हो तो उसमें नैसर्गिकता अपनी संपूर्णता को प्राप्त करती है । अधपकी टिप्पणियों पर ड्रेसिंग यदि सजावटी शब्दों से हो तो उसमें सोंधापन आ ही जाता है । एक अबोध बालक से लेखक को सम्बोधन शायद इसी क्रम की संज्ञा है । आभार ।