Poonam Matia
Author
27 Mar 2024 12:30 AM
धन्यवाद
धन्यवाद
वो जो बदलता रहता है अपना स्वरूप |
कभी नव वधु-सा चंचल, तेजोमय-उदीप्त,
कभी उदास, मुरझाई प्रेमिका विरह-सिक्त
Bahut badhiya|