अंधकार मिटा सके वो युक्ति,यही गुरु भक्ति सुहाती। कुमार्ग पथ छोड़ बहम को,स्वयं आत्म साक्षात्कारती। मात पिता गुरु भगवान में,जीवन फल में पाता है। बिन कृपा के जैसे नर की,चिड़िया खेत चुन जाती।। जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी उ•प्र•
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अंधकार मिटा सके वो युक्ति,यही
गुरु भक्ति सुहाती।
कुमार्ग पथ छोड़ बहम को,स्वयं
आत्म साक्षात्कारती।
मात पिता गुरु भगवान में,जीवन
फल में पाता है।
बिन कृपा के जैसे नर की,चिड़िया
खेत चुन जाती।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
झाँसी उ•प्र•