एक साहित्यकार तो हमेशा ही अपने शब्द रूपी दीपक से मानव तम दूर करता रहता है इस समय धन आरोग्य के साथ उजले विचारों से सांस्कृतिक क्रांति की जरूरत है जो आप सरस्वती पुत्र बड़े ही अच्छे ढङ्ग से पूर्ण कर समाज का अंधेरा दूर कर स्वस्थ समाज मे अपना योगदान दे रहे है सभी साहित्यकारों को धनतेरस की शुभकामनाएं
एक साहित्यकार तो हमेशा ही अपने शब्द रूपी दीपक से मानव तम दूर करता रहता है इस समय धन आरोग्य के साथ उजले विचारों से सांस्कृतिक क्रांति की जरूरत है जो आप सरस्वती पुत्र बड़े ही अच्छे ढङ्ग से पूर्ण कर समाज का अंधेरा दूर कर स्वस्थ समाज मे अपना योगदान दे रहे है सभी साहित्यकारों को धनतेरस की शुभकामनाएं