पृथ्वी पर समय की गणना एवं अंतरिक्ष एवं अन्य ग्रहों में समय की गणना में भिन्नता पायी जाएगी, जो उनके सापेक्ष कारको पर निर्भर होगी।
इसे सरलता से समझने के लिए एक उदाहरण स्वरूप हम कल्पना करें कि हम अपनी पृथ्वी के समय पर आधारित घड़ी लेकर अंतरिक्ष में यात्रा करते हैं एवं उसके आधार पर अंतरिक्ष एवं अन्य किसी ग्रह मे समय व्यतीत कर
पृथ्वी पर वापस लौट कर आऐं तो हमें विदित होगा कि हमारा पृथ्वी का समय हमारी घड़ी से बहुत आगे निकल चुका है। जिसका तात्पर्य यह है कि कि हमारा पृथ्वी पर आधारित घड़ी का समय अंतरिक्ष एवं अन्य ग्रह में जाने से धीमा पड़ गया था जो पृथ्वी में आने पर पृथ्वी की घड़ियों से भिन्न हो गया तथा पृथ्वी पर आधारित समय हमारे अंतरिक्ष एवं अन्य ग्रह पर व्यतीत समय से आगे निकल चुका है।
पृथ्वी पर समय की गणना एवं अंतरिक्ष एवं अन्य ग्रहों में समय की गणना में भिन्नता पायी जाएगी, जो उनके सापेक्ष कारको पर निर्भर होगी।
इसे सरलता से समझने के लिए एक उदाहरण स्वरूप हम कल्पना करें कि हम अपनी पृथ्वी के समय पर आधारित घड़ी लेकर अंतरिक्ष में यात्रा करते हैं एवं उसके आधार पर अंतरिक्ष एवं अन्य किसी ग्रह मे समय व्यतीत कर
पृथ्वी पर वापस लौट कर आऐं तो हमें विदित होगा कि हमारा पृथ्वी का समय हमारी घड़ी से बहुत आगे निकल चुका है। जिसका तात्पर्य यह है कि कि हमारा पृथ्वी पर आधारित घड़ी का समय अंतरिक्ष एवं अन्य ग्रह में जाने से धीमा पड़ गया था जो पृथ्वी में आने पर पृथ्वी की घड़ियों से भिन्न हो गया तथा पृथ्वी पर आधारित समय हमारे अंतरिक्ष एवं अन्य ग्रह पर व्यतीत समय से आगे निकल चुका है।