रौद्र रस से भरी आज के वहशीपन, दरिंदगी और इंसानियत के पतन पर करारा प्रहार। बहुत ही सराहनीय रचना।
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रौद्र रस से भरी आज के वहशीपन, दरिंदगी और इंसानियत के पतन पर करारा प्रहार। बहुत ही सराहनीय रचना।