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शब्द आपके गीत आपका ,स्वर लहरा भी आपका, पर अभिमान हमारा है, ईश्वर बोले मिलकर हमसे, उज्जवल भविष्य तुम्हारा है ।कुछ सीखो अपने उन गुरुओं से, जिन्होंने तुम्हें पढ़ाया है, हिंदी की बिंदी का गहरा अर्थ बताया है, मिलकर बोले ईश्वर हमसे उज्जवल भविष्य तुम्हारा है ।सुदूर देश में भीषण भीड़ में, चमक रहा एक तारा है ,धीमी है रोशनी पर अपनी है ,यही समझ इतराता है ,मिलकर ईश्वर बोले हमसे उज्जवल भविष्य तुम्हारा है।
पंडित संजय रिछारिया
बेरखेड़ी सड़क जिला सागर मध्य प्रदेश

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