ईश्वर दयाल गोस्वामी
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18 Nov 2016 03:32 PM
धन्यवाद मित्रवर।
रामनाम मणि दीप धर, जीह देहरी द्वार।
तुलसी भीतर बाहरौ, जो चाहत उजयार।