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सर एक जिज्ञासा थी, कविता जब भी लिखता हूं , एक सीध में ना होकर पंक्तियां बिखर जाती है, मैंने एडिट भी किया तब भी बेतरतीब तरीके से पबलिशड हो जाता है क्या करूं मार्ग दर्शन दे मेरी कविताएं देख कर पता लग जाएगा।

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