गुज़िश्ता दौर के लम्ह़ों को फिर ताज़ा कर जातीं हैं , बरसात के ये बूंदें फिर से सोए जज़्बात जगा जातीं है , श़ुक्रिया !
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गुज़िश्ता दौर के लम्ह़ों को फिर ताज़ा कर जातीं हैं ,
बरसात के ये बूंदें फिर से सोए जज़्बात जगा जातीं है ,
श़ुक्रिया !