Taj Mohammad
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20 Nov 2022 07:21 AM
जी गुरु जी सही फरमाया आपने।
हमारा इसी विचार से बंटवारा हुआ है।
हमने अलग, अलग धर्म बना डालें।
सबका धर्म एक ही है।बस आपको देखने का नजरिया चाहिए। धन्यवाद आपका जी