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15 Oct 2022 02:00 PM

बहुत ही सही कहानी लिखी आपने- सही बात है रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति फ्यूज बल्ब की तरह ही होता है। मैं भी कृषि विभाग से रिटायर्ड हुआ हूं। बस!अब मैं भी फालतू समय का सदुपयोग कर रहा हूं– साहित्यपीड़िया में रचनाएं लिखता रहता हूं! कभी समय मिले तो मेरी रचनाओं का अवलोकन कर राय देने की कृपया करें! धन्यवाद! आपका: प्रभुदयाल रानीवाल (बैरवा), जन्मभूमि इंदौर, वर्तमान निवास उज्जैन (मध्यप्रदेश).

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