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In reply to Anamika Singh
19 Sep 2022 03:35 PM

जी सही कहाँ आपने हम खुद को प्रतिद्वंदी मानकर ही उत्कृष्ठ रचना करने की कोशिश करते है कुछ साहित्यकारो की रचनाओं की आप कितनी भी सराहना कर लो पर आपके रचना को नजरअंदाज ही करेंगे पता ये कैसा उनके मन का भाव है समझ नही आता एक दिन यदि उनकी सभी रचना पर आप अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दो वो फिर भी आपकी रचना का शीर्षक तक नही पढ़ेंगे। ये कैसी साहित्य की समझ मुझे समझ नही आती खैर हम अपने अच्छाइयां को बांटते रहे यही हमारा कर्तव्य है 🙏🙏🙏🙏

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