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यह रचना यहाँ की जातिव्यवस्था पर जड़ा एक तमाचा है,संस्कृति और परंपरा पर कड़ा प्रहार है भाई मैंने आपके रचना को बहोत ही देर से पढ़ा कृपया माफ़ी मांगता हूँ बहोत ही उच्च कोटि की कलम है बहोत ही उम्दा अभिव्यक्ति सादर करने के लिए आपको सादर प्रणाम🙏🙏🙏🌹🌹🌹

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11 Jan 2023 09:24 AM

आपकी टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार सर…

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