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11 Sep 2022 05:53 PM

आंनद जब से मिली हो तुम मैं आईना नहीं देखता।
तुम्हारी आंखो में जो दिखता है प्यार उसी में मेरा रूप रंग है निखरता।
मुझे आईना की नहीं बस तेरे दीदार की ज़रूरत है।
तू ही मेरी चांदनी तू ही मेरी पूरी जम्हूरियत है।

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12 Sep 2022 12:15 PM

आईने पर क्या अंदाज़ है आपका बहुत खूब 🙏🙏🙏

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