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दो चार अल्फाज़ ही अदब के बोल दो तुम हमसे।
यूं हमको रिश्तों में क्यों इतना गैर बना लिया है।। वा उस्ताद वा मजा आ गया है ये पूरी गझल बहोत ही आला दर्जे की है बहोत ऊँची शेरो शायरी है जनाब बहोत निखरकर लौटे हो 👍👍👍💐💐💐

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7 Sep 2022 06:01 PM

कहां भाई आप भी मेरा दिल रखने के लिए क्या क्या कह देते हो। पर इज्जत अफजाई के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया।

अरे नही भाई एक अच्छे फ़नकार की तारीफ एक उसका कायल ही कर सकता है

7 Sep 2022 07:15 PM

आपका बहुत बहुत शुक्रिया भाई।

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