'अशांत' शेखर
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3 Sep 2022 10:52 PM
जी बिलकुल सही फ़रमाया आपने बस अपने हाथ, कलम, अल्फाज़ सिर्फ कोशिश कर सकते है बाकी दुनिया के अंदाज ही अलग होते है। बहोत बहोत आपका सहृदय से आभार प्रणाम 🙏🙏🙏
जब खुद से खुद हारोगे तो एक नई सिख पाओगे
प्रतिद्वंदी को हराने में आपकी जो धमक है रहने दो।अपने शब्दो से नई सीख देने की बेहतरीन कोशिश, इंसान अगर खुद को जीत लिया तो समझों दुनिया जीत लिया।अति सुन्दर रचना👌🏻👌🏻💐🙏🏻🙏🏻