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दोहे में ही व्यक्त है, दोहा लेखन सार।
दिया आपने तो यहाँ, रचने का आधार ॥
तभी बढ़ेगी छंद में , लेखन रुचि सब ओर।
ज्ञान आपका है प्रचुर ,नमन आपको मोर॥

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