Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

आँखों में ख़ामोशी नजर आती है तो आईना भी मजे लेता है शायर को ऐसा लगता है कि वो जब आईने से रूबरू हो तो कम से कम चेहरे की हकीकत आईना ना बताये इसीलिये जरासी लफ्ज़ का इस्तेमाल किया है शायर को लगता है के आइना असलियत में चेहरा दिखाकर अपनी होशियारी बताता है जब की शायर पहले से ग़मज़दा है और वही रौती सूरत दिखाकर आईना उसे चिढ़ाता है और इसलिए होशियारी लफ्ज़ का इस्तेमाल किया है जी धन्यवाद🙏🙏🙏🌹🌹🌹

Loading...