याद तेरी दिल से क्यों जाती नहीं
तुमको तो मेरी याद आती नहीं
xxx xxx
बैठी होगी तू किसी पेड़ के नीचे
मेरे इंतजार में शायद आज भी
Xxxx
में विरोधाभास है
तुमको तो मेरी याद आती नहीं Vs
बैठी होगी मेरे इंतजार में
कवि विरह से दुखी हो कर प्रेयसी को ताना कस रहें हैं पर आशा भी है कि उसे याद भी आती होगी ।
कविता मे सरल भाषा, गीत शैली, का प्रयोग बड़े सुन्दर ढंग से किया गया है।
याद तेरी दिल से क्यों जाती नहीं
तुमको तो मेरी याद आती नहीं
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बैठी होगी तू किसी पेड़ के नीचे
मेरे इंतजार में शायद आज भी
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में विरोधाभास है
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बैठी होगी मेरे इंतजार में
कवि विरह से दुखी हो कर प्रेयसी को ताना कस रहें हैं पर आशा भी है कि उसे याद भी आती होगी ।
कविता मे सरल भाषा, गीत शैली, का प्रयोग बड़े सुन्दर ढंग से किया गया है।