'अशांत' शेखर
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9 Aug 2022 11:30 AM
हा काफी दिनों के बाद कल फिर एक गज़ल लिखी वैसे तो पहले मिसरा लिखकर था बाद में बाकी लिखा कल पूरी हुई आपको पसंद आयी मतलब आज मुक्कमल हुयी बहोत बहोत सहृदय से शुक्रिया आभार धन्यवाद 💐💐💐🙏🙏🙏
भाई बहुत ही उम्दा गजल लिखी। अल्फाज़ो का तो मैं कायल हो गया”मैं वो शख्स था जिससे हर ख्वाइश कतरा गयी” ये लाइन तो सीधे दिल में उतर गई। बहुत ही खूबसूरत।