आपने भी रफ़ी साहब पर दो बार लिखा मैंने पहले वो पढ़ ली बाद में ये पढ़ी कोई बात नहीं एक ही मूरत को अभिवादन
आपने भी रफ़ी साहब पर दो बार लिखा मैंने पहले वो पढ़ ली बाद में ये पढ़ी कोई बात नहीं एक ही मूरत को अभिवादन