Taj Mohammad
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28 Jul 2022 02:35 PM
आपका बहुत बहुत शुक्रिया भाई जी ।
Taj Mohammad
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28 Jul 2022 02:36 PM
👏
28 Jul 2022 02:56 PM
हर एक शेर को मैं बार बार पढ़ रहा हूँ अब तक मन भरा नहीं जादू करिश्मा है ये गझल
क्या बात है ताज भाई आज तो अल्फाज़ो का कहर बरफा रहे हो, ये जो गजल है ये साहित्यपिडिया पर लिखी गयी अब तक के सारे दर्जनों गजलों का कोहिनूर है अकबर है मैं और ज्यादा कुछ लिखूं तो शायद ये इस गझल के अल्फाज़ो का सम्मान नही होगा बस सर झुकाके आपको सलाम करू ये ही मुनासिब है आपके हाथ जरूर चूमूंगा जब मिलूंगा 🙏🙏🙏🙏🙏