Taj Mohammad
Author
22 Jul 2022 11:14 AM
हां बस अब ज्यादा मन नहीं करता लिखने का ज़रूरतें इन्सान को बदलने को मजबूर कर देती हैं।
22 Jul 2022 11:24 AM
सही बात है जरूरते तो लगी है मेरे कल के गझल पर एक रोशनी डालिये यदि वक़्त मिले तो
Taj Mohammad
Author
22 Jul 2022 11:38 AM
जी बिल्कुल भाई।
बहोत सही क्या बात है भाईजान आप नजर नही आ रहे हो साहित्यपिडिया पे