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8 Jul 2022 10:13 AM

बहुत सुंदर
शाश्वत सत्य पर सुंदर सृजन।

शब्दो की तारतम्यता बेहतरीन ……
दम्भ से मुख तक भरा , घट फोड़कर जाना पडे़गा।
रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना पड़ेगा।।

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सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीय श्री

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