संजीव शुक्ल 'सचिन'
Author
3 Jun 2024 11:39 PM
सादर अभिवादन सहित नमन आदरणीय श्री
बहुत सुंदर
शाश्वत सत्य पर सुंदर सृजन।
शब्दो की तारतम्यता बेहतरीन ……
दम्भ से मुख तक भरा , घट फोड़कर जाना पडे़गा।
रे पथिक! जग में सभी कुछ, छोड़ कर जाना पड़ेगा।।