सही श्रीमान सुकून है गजल में। कृपा ( ये कैसा धर्मयुद्ध है केशव ) रचना पढ़कर कृतार्थ किजिएगा ।
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सही श्रीमान सुकून है गजल में।
कृपा ( ये कैसा धर्मयुद्ध है केशव ) रचना पढ़कर कृतार्थ किजिएगा ।