Taj Mohammad
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28 Jun 2022 02:05 AM
शुक्रिया जी।
शुक्रिया जी।
इज़्जत आबरूओं का होने लगा है कारोबार यहां पे।
कितना बे रहम हुआ देखो तो ज़रा आज का इंसा है।।6।।सच्चाई को दर्शाती हुई रचना।