अक्सर बिल्कुल विपरीत।पर सबका अपना दृष्टिकोण अलग अलग है। जाकी रही भावना जैसी,प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। यही बात नारी के बारे में कहा जा सकता है।
अक्सर बिल्कुल विपरीत।पर सबका अपना दृष्टिकोण अलग अलग है।
जाकी रही भावना जैसी,प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
यही बात नारी के बारे में कहा जा सकता है।