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बेहतरीन कविता, सिद्धार्थ जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।

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जी श्रीमान जी जरुर
सादर धन्यवाद

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