VINOD CHAUHAN
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7 Jun 2022 01:42 PM
सही लिया सर आपने शब्दों को।
प्रोत्साहन बढ़ाने वाले शब्दों के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।
आपके द्वारा प्रेषित रचना विचारणीय है, सबसे अच्छा “विनोद”सीखा मत पाठ यहाँ तूँ तुझसे ही ये उलझ जाएंगे यह पंक्ति हैं, क्यों कि झूठी तारीफे मानव की वाहवाही है सच्ची बातें मानव की नाराजगी है।