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In reply to Taj Mohammad
5 Jun 2022 11:29 PM

जी नहीं साहब। आप जैसे अल्फाज़ और अंदाज़ हमारा कहां है। लेकिन अप सबको पढ़कर थोडा बहुत सीख लेता हूं। खुदा आपके कलम में और रवानी दे ये हमारी दुआ है।

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